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शोधज्योतिः (ISSN : 2350-0700) श्रीसोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय की पुनरीक्षिता सन्दर्भिता वार्षिकी शोधपत्रिका है। शोधज्योति में प्रमुख रूप से वेद, वेदाङ्ग, साहित्य, धर्म, दर्शन, संस्कृति, योग, आयुर्वेद एवं अन्य प्राच्यविद्या से सम्बन्धित संशोधनपरक शोधलेखों का प्रकाशन किया जाता है।

शोधलेख प्रेषण हेतु दिशानिर्देश –

इस शोधपत्रिका में शोधलेख प्रकाशन हेतु अधोलिखित नियमों का पालन करना आवश्यक है-

  • शोधज्योति में प्रकाशनार्थ प्राप्त शोधलेखों का पुनरीक्षित सन्दर्भित मूल्याङ्कन (Double Blind Peer Review) कराने के पश्चात् ही शोधलेख प्रकाशित किये जाते हैं। अतः विद्वान् लेखकों से निवेदन है कि वे मूल्याङ्कन की कसौटी पर खरे उतरने वाले शोधलेखों को ही प्रेषित करें, जिनमें शोध-प्रविधि का प्रयोग नहीं किया गया है, ऐसे लेखों को प्रकाशित करना सम्भव नहीं होगा।
  • शोधलेख मौलिक एवं अप्रकाशित होना चाहिये। किसी अन्य विद्वान् के ग्रन्थ अथवा बौद्धिक सम्पदा की नकल करके शोधलेख भेजना साहित्यिक अपराध तथा अपनी प्रतिभा का हनन है।
  • शोधलेख में लेखक का निष्कर्ष सुसङ्गत, प्रमाणिक एवं तथ्यों पर आधारित तथा शास्त्र परम्परा से पोषित होना चाहिये।
  • शोधलेख न्यूनतम दो हजार से तीन हजार (२०००-२५००) शब्द सीमा से युक्त होना चाहिये।
  • शोधलेख में अपने कथन या निष्कर्ष को पुष्ट करने के लिये न्यूनतम १५ से अधिक प्रमाण देने चाहिये तथा शोधलेख के अन्त में स्वकीय शोधलेख में प्रयुक्त सन्दर्भ ग्रन्थों की सूची (ग्रन्थ नाम, व्याख्याकार/सम्पादक आदि, प्रकाशक, प्रकाशन वर्ष सहित) अवश्य सम्मिलित करें।
  • विद्वान् लेखकों से आग्रह है कि टङ्कण के उपरान्त संशोधन करके अपने शोधलेख को प्रकाशनार्थ प्रेषित करें, जिससे शोधलेख शुद्धतम रूप से प्रकाशित किया जा सके।
  • शोधलेख टङ्कण करते समय देवनागरी लिपि हेतु “Arial Unicode MS” (फोण्ट साइज-११) तथा रोमन् लिपि हेतु “Times New Roman” (फोण्ट साइज १२ ) फोण्ट में A4 साइज में टाइप कराया जाये। टङ्कण के उपरान्त शोधन करके ई-मेल से प्रेषित करें। ईमेल का पता है- [email protected]
  • ईमेल के साथ-साथ लेखक को अपने शोधलेख की हार्ड कॉपी प्रेषित करना भी आवश्यक है जिससे मूल्याङ्कन के लिये शोधलेख प्रेषित किया जा सके।
  • शोधलेख के आरम्भ में लेखक का नाम, पद, पत्रसङ्केत, दूरभाष क्रमाङ्कः और ई-मेल-सङ्केत अवश्य लिखा हुआ होना चाहिये।
  • शोधलेख में पादटिप्पणी एवं ग्रन्थसूची हेतु सामान्यतः APA शैली का अनुसरण किया जाना चाहिए।
  • शोधलेखों के प्रकाशन के विषय में श्री सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय का निर्णय अन्तिम रहेगा।
  • शोधलेख प्रेषित करने हेतु पत्र सङ्केत –

सम्पादक – शोधज्योति

श्रीसोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय

राजेन्द्र भुवन मार्ग, वेरावल – ३६२२६६,

जिला – गीर सोमनाथ, गुजरात

ई-मेल – [email protected]